Friday, 30 March 2018

PYAR KE PANNE प्यार के पन्ने 🤔😀

 


write up  प्यार के पन्ने pyar ke panne

प्यार - यह तो सबसे बड़ा विषय है । दुनिया का किसी भी विषय इतना महत्वपूर्ण नहीं होता है जितना प्यार का विषय है । 

युवा वर्गों में प्यार का विषय ज्यादा चर्चित होता है । प्रेम का fame इतना है की श्री कृष्ण भगवान प्यार किया था अथवा श्री विष्णु भगवान भी प्यार किया था ।  बड़े ऋषिमुनियों ने प्यार के जाल में फस चुके थे ।  

प्यार क्या है ? इस विषय का पन्ने क्या कहतें हैं ? पहले प्यार का गुणों के बारे में हम देखेंगे ।

भौतिक शास्त्र के आधार 

प्यार दिखाई नहीं देता है, प्यार का वजन तोल नहीं सकते हैं, प्यार का आयसकान्त असाधारण है, जैसे प्यार बढ़ता है वैसे आयसकान्त की शक्ति दो गुण बढ़ता है 

रसायन शास्त्र के आधार 

प्यार को कोई देख नहीं सकता, फिर भी प्यार रंगीला है, मीठा है, शुरू में प्यार सिम्पल होता है, आगे कंपौण्ड होकर काम्प्लेक्स भी होसकता है 

गणित शास्त्र के आधार 

प्यार करनेवाला = रेखा (line)

तब प्यार = कोण  (angle) 

मतलब प्यार बनता है एक कोण ।  जैसे जैसे कोण का डिग्री (डिग्री) काम होता है वैसे वैसे प्यार बढ़ता है, पर कभी कभी त्रिकोण होकर समस्या सुलझाने कठिन हो सकती है 

वित्तनीति के आधार 

प्यार में पैसा ज्यादा खर्चा होता है, जीतनी भी पूँजी लाओ लुक्सान तो होता ही है और रोकड़ा शून्य रहता है 

मनः शास्त्र के आधार 

शादी के पहले - प्यार शुरू में सोचना, बाद में चाहना और अंत में पूजना 

शादी के बाद - प्यार बच्चों में बट जाता है, बच्चों के शादी के पश्चात् पुनः स्तापित होने का संभव है । 

अर्थ शास्र के आधार 

जब बच्चे होंगे तब प्रति व्यक्ति आय काम होकर देश की आर्थिक स्तिथि पर भारी पड़ता है ।

निसर्ग के नीति आधार 

दुनिया में हर एक सोचता / सोचती है की उसी का प्यार अनोखा है 

राजनीती के आधार 

प्यार की वजह राजाओं के बीच लड़ाई या युद्ध के बारे में आप इतिहास में पड़ा होगा । 


प्यार हर एक इन्सान करना चाहता है । शुरू में प्यार करनेवाला बहुत खुश रहता है । उसका चेहरे  में हँसी दिखाई देती है । जब प्यार आखरी मोड़ पर पहुंचता है, तब समाज की वजह से डर पैदा होता है । अकेले रहने के लिए मन चाहता है । मुकेश का गाने सुनकर दिन बिताता है । भगवान पर भरोसा ज्यादा रखता है 


प्यार अँधा है , प्यार करने वाले प्यार करके अंधे हो जाते हैं । प्यार एक ऐसी बीमारी है की दुनिया का कोई वैद्य इसका इलाज़ नहीं कर  सकता । इस बीमारी का इलाज सिर्फ दो तरीखे से किया जाता है । एक है शादी और दूसरा खुदखुशी । 

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end- heard somewhere in mumbai but ಮೈ narration thoughts documented ಸಂಟೈಂ ಇನ್ 2002 by ಸುರೇಶ್ ಹುಲಿಕುಂಟಿ

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